द गर्ल इन रूम 105–७५
अपने पैरेंट्स को जैसा इलेक्ट्रिक शॉक दिया था, उसके उलट ज़ारा के पैरेंट्स शांत लग रहे थे। कम से कम उन्होंने अभी तक खुद को आग लगा देने की धमकी नहीं दी थी।
'सर' मैंने गला बंखारते हुए कहा।
"तुम्हें मुझे सर कहने की ज़रूरत नहीं है।"
'मैं आपको अंकल बोल सकता हूं? या मिस्टर लोन?"
'अंकल ठीक है। तो मुझे तुम्हारी दोस्ती के बारे में बताओ।' "हम एक-दूसरे को लगभग तीन सालों से जानते हैं। हम कैंपस में मिले थे।"
'और हमारी बेटी ने हमें कभी बताया ही नहीं। तुम्हे क्या लगता है, जैनवर ज़ारा ने अपने दोस्त के लिए आईआईटी में पीएचडी जॉइन की थी?' मिस्टर लोन ने कहा और हंस दिए। जैनब हल्के से मुस्करा दीं।
'अंकल, ज़ारा के जॉइन करने के एक साल के अंदर ही में आईआईटी से ग्रेजुएशन कर चुका था।' *मैं केवल मज़ाक़ कर रहा था। एनीवे, अभी तुम क्या कर रहे हो?"
मेरा दिल बैठ गया। मैंने धीमी आवाज़ में कहा, 'मैं एक टेस्ट प्रेप कंपनी में फैकल्टी हूँ।"
'टेस्ट प्रेप, यानी' वो बहुत हाईटेक कंपनी है, डेड वे लोग टेस्ट प्रिपेरेशन के लिए एप्स पर काम कर रहे हैं। केशब उसी
प्रोजेक्ट का हिस्सा है,' जारा ने कहा। जारा ने बात संभाल ली थी। लेकिन चंदन अरोरा ने अपने जीवन में इकलौती हाईटेक चीज यही की थी कि
वह अपना गुटखा ऑनलाइन ऑर्डर करता था।
"किसी एजुकेशन स्टार्टअप की तरह?" सफ़दर ने कहा। 'हा, अंकल, ' मैंने कहा 'अभी तो हमने बस शुरुआत ही की है, लेकिन हम जल्द ही ऑनलाइन होने जा रहे
"गुड़ मैं भी कभी-कभी इंटरनेट कंपनियों में इनवेस्ट करने के बारे में सोचता हूं,' सफ़दर ने कहा। वैसे भी
आजकल लोग सेब के बाग़ से ज्यादा एपल फ़ोन्स की परवाह करते हैं।'
थी। सभी हंस दिए। मुझे जारा के हैड अच्छे लगे। कम से कम उन्होंने ठीक से बातचीत करने की कोशिश तो की "मैंने सुना है कि आप कश्मीर के टॉप फ्रूट एक्सपोर्टर्स में से एक हैं, 'मैंने कहा।
'ख़ुदा की मेहरबानी है।'
जारा हमें अपने मेन टॉपिक पर ले आई।
"तो, जैसा कि मैंने आपको बताया था, डैड, केशव और मैं एक-दूसरे को पसंद करते हैं।"
'मैं देख सकता हूं, ' सफ़दर ने कहा।
"हमें आपकी दुआएं चाहिए,' जारा ने कहा। "ओह, सफ़दर ने कहा 'जैनब जरा आजकल के इन एप्स बनाने वाले बच्चों को देखो, वे अपने मां-बाप से
कैसे सीधे सवाल करते हैं।" 'यू नो, डेड, मैं आपके साथ हमेशा फ्रैंक रही है।'
सफ़दर हंस दिए।
"ऑफ़ कोर्स तो अब हमें क्या करना चाहिए? इनके माता-पिता
"सॉरी, जारा, मुझे तुम्हें बता देना चाहिए था। लेकिन, अंकल, मेरे पैरेंट्स इस रिश्ते के पक्ष में नहीं हैं।
'नहीं, मैंने जोर से कहा। "क्याट' जारा ने हैरत से मेरी तरफ देखा । से मिला जाए?'
शायद आप समझ सकते हैं, क्यों।' "यह कब हुआ?" जारा ने कहा। लेकिन मैं उसके पिता की तरफ ही देखता रहा।
"अंकल, मैं आपकी बेटी से बहुत प्यार करता हूं। मैं उसकी ख़ुशी के लिए कुछ भी कर सकता है। प्लीज़, हमें दुआए दीजिए। मेरे पैरेंट्स ऐसा नहीं करेंगे, लेकिन हम चाहते हैं कि कम से कम एक साइड तो हमारे साथ हो।"
'लेकिन, केशव ...' जारा ने कहा और फिर चुप हो गई।
सफ़दर ने गहरी सांस छोड़ी।
बेल, पैरेंट्स बहुत जरूरी होते हैं। दरअसल, जब जारा ने तुम्हारा नाम लिया था तो मैं भी बहुत खुश नहीं